जल जीवन मिशन 2025 – हर घर जल का सपना

पानी जीवन का मूल स्रोत है। लेकिन आज भी भारत के करोड़ों ग्रामीण परिवारों को शुद्ध और सुरक्षित पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसी जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ (Jal Jeevan Mission) की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य हर घर तक नल से जल पहुंचाना है। यह मिशन भारत सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है जो देश के लाखों गांवों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराकर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कार्यरत है।
🔶 जल जीवन मिशन की शुरुआत
जल जीवन मिशन की घोषणा 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से की गई थी। इस मिशन को जल शक्ति मंत्रालय के तहत चलाया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य था कि वर्ष 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाए। अब इस मिशन को 2025 तक बढ़ाया गया है, ताकि कोई भी घर छूट न जाए।
🔷 उद्देश्य (Objectives)
जल जीवन मिशन के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- हर ग्रामीण परिवार को घरों में नल द्वारा पानी की आपूर्ति देना।
- सुरक्षित, स्वच्छ और सतत पेयजल व्यवस्था प्रदान करना।
- पानी के स्रोतों का संरक्षण और पुनर्भरण।
- ग्रामीण समुदाय की भागीदारी से जल व्यवस्था को मजबूत बनाना।
- गांव स्तर पर जल गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रशिक्षण देना।
🔶 मिशन का दायरा
- मिशन का प्रमुख ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर है, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों के लिए भी ‘अमृत 2.0’ योजना के अंतर्गत इसी तरह के कार्य किए जा रहे हैं।
- योजना के अंतर्गत शुद्धता, नियमितता और पर्याप्तता सुनिश्चित की जाती है।
- इसमें हर घर नल कनेक्शन, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) का गठन, और स्थानीय जलस्रोतों का पुनर्जीवन जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
🔷 कार्यान्वयन की प्रक्रिया
जल जीवन मिशन को राज्य सरकारों के सहयोग से लागू किया जाता है। योजना का क्रियान्वयन इस प्रकार किया जाता है:
- ग्राम जल योजना (Village Action Plan) तैयार की जाती है।
- ग्राम पंचायत और स्थानीय संस्थाओं की भागीदारी से जल आपूर्ति योजना बनाई जाती है।
- पाइपलाइन, जल टंकी, जल शोधन संयंत्र आदि का निर्माण किया जाता है।
- हर घर में नल कनेक्शन जोड़ने का कार्य किया जाता है।
- जल गुणवत्ता की स्थानीय स्तर पर निगरानी के लिए समुदाय को प्रशिक्षित किया जाता है।
🔷 योजना की विशेषताएँ
- हर घर नल कनेक्शन:
मिशन का उद्देश्य यह है कि हर ग्रामीण घर में नल से शुद्ध जल पहुंचे। - ‘जन भागीदारी’ आधारित मॉडल:
गांव के लोग खुद योजना बनाने, क्रियान्वयन और निगरानी में भाग लेते हैं। - महिलाओं की भागीदारी:
गांव की महिलाओं को जल समितियों में नेतृत्व की भूमिका दी गई है। - स्थायी जल स्रोतों का विकास:
जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और जल स्रोतों के पुनर्भरण पर जोर। - तकनीकी उपयोग:
योजना की निगरानी के लिए Jal Jeevan Mission Dashboard, मोबाइल ऐप और GIS मैपिंग का उपयोग।
🔷 लाभ (Benefits)
- स्वच्छ और सुरक्षित पानी से बीमारियों में कमी आती है।
- महिलाओं और बच्चों को पानी भरने में लगने वाला समय बचता है।
- गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- जल संरक्षण की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
- स्थानीय रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं – जैसे प्लंबर, फिटर, जलमित्र आदि।
🔷 अब तक की उपलब्धियाँ (जुलाई 2025 तक)
- 2019 में जहां सिर्फ 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल से जल की सुविधा थी, आज (2025 तक) यह संख्या 13.5 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
- लगभग 75% ग्रामीण घरों में नल जल की सुविधा पहुंच चुकी है।
- कई राज्य जैसे गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार, सिक्किम आदि ‘हर घर जल’ राज्य बन चुके हैं।
- 10 लाख से अधिक महिला जल परीक्षण किट वितरित की गई हैं।
- लाखों गांवों में ग्राम जल समितियाँ गठित की गई हैं।
🔷 जल जीवन मिशन डैशबोर्ड
योजना की पारदर्शिता और प्रगति की निगरानी के लिए सरकार ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया है:
🌐 वेबसाइट: https://jaljeevanmission.gov.in
यहाँ से आप देख सकते हैं:
- आपके जिले/गांव में कितने घरों में नल जल की सुविधा है।
- प्रगति रिपोर्ट
- नए कनेक्शन की संख्या
- जल परीक्षण की जानकारी
🔷 ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC)
- हर गांव में एक VWSC (Village Water and Sanitation Committee) बनाई जाती है।
- इसमें 50% सदस्य महिलाएं होती हैं।
- यह समिति योजना के निर्माण, क्रियान्वयन और देखरेख की जिम्मेदारी लेती है।
🔷 जल परीक्षण और गुणवत्ता निगरानी
- योजना के तहत हर गांव में ‘फील्ड टेस्ट किट’ दी जाती है।
- ग्रामीण महिलाएं जल गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रशिक्षित की जाती हैं।
- जल की जांच के लिए जिला स्तर पर प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
🔷 चुनौतिया
- बड़े गांवों में पाइपलाइन बिछाना एक तकनीकी चुनौती है।
- जल स्रोतों का सूख जाना या प्रदूषित होना।
- स्थायी संचालन और रखरखाव की लागत।
- कुछ जगह स्थानीय प्रशासन की उदासीनता।
- जन जागरूकता की कमी और जल का दुरुपयोग।
🔷 समाधान हेतु प्रयास
- स्थानीय युवाओं को ‘जलमित्र’ के रूप में नियुक्त करना।
- हर घर में जल मीटर लगाने की योजना।
- समय-समय पर ग्राम सभाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान।
- वर्षा जल संचयन और ग्रे वाटर रीसायक्लिंग को बढ़ावा।
🔷 आवेदन प्रक्रिया (कैसे प्राप्त करें नल जल सुविधा?
- ग्राम पंचायत या जल समिति से संपर्क करें।
- यदि योजना आपके गांव में सक्रिय है, तो स्थानीय अधिकारी सर्वे करेंगे।
- घर में कनेक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
- पाइपलाइन से आपके घर तक जल कनेक्शन जोड़ा जाएगा।
- कहीं-कहीं नाममात्र की राशि संचालन हेतु ली जाती है।
🔷 निष्कर्ष
जल जीवन मिशन 2025 भारत की ग्रामीण जल क्रांति का प्रतीक बन चुका है। यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक के स्वास्थ्य, सम्मान और समृद्ध जीवन का मार्ग है। जल जीवन मिशन ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है – अब महिलाएं पानी भरने के लिए घंटों लाइन में नहीं लगतीं, बच्चे स्वच्छ पानी पीते हैं और गांव में स्वस्थ जीवन का वातावरण बन रहा है।
अगर यह मिशन पूरी तरह सफल होता है, तो भारत वास्तव में एक जल-समृद्ध और स्वस्थ राष्ट्र बन जाएगा।