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(MBBS) डॉक्टर की सबसे बड़ी डिग्री कौन सी होती है?

MBBS (एमबीबीएस) कोर्स ऐडमिशन प्रोसीजर

डॉक्टर की सबसे बड़ी डिग्री कौन सी होती है?

मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट डिग्री या फर्स्ट प्रोफेशनल डिग्री है. एमबीबीएस कोर्सेज का लक्ष्य छात्रों को मेडिसिन की फील्ड में ट्रेंड करना है. एमबीबीएस पूरी होने पर, कोई व्यक्ति पेशेंट्स के रोगों को डायग्नोस करने के बाद उन्हें मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के योग्य बन जाता है!

यह एक ऐसा प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण कोर्स है, जिसके बाद आप डॉक्टरेट प्राप्त करते हैं, और आप किसी भी प्रकार के रोगी को देखने और उसका इलाज करने के लिए अधिकृत हैं।

एक डॉक्टर की मुख्य भूमिका मानव शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने और होने वाली बीमारियों का इलाज करना है।

 

MBBS full form

(एमबीबीएस) कोर्स के लिए पात्रता

भारत में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला के लिए बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ ट्वेल्थ पास होना जरूरी है।

12th का परसेंटेज कम से कम 55 होना चाहिए, और छात्र की उम्र 16 साल से ऊपर होनी चाहिए।

 कोर्स ऐडमिशन प्रोसीजर

भारत में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना होता है।

सबसे ज्यादा फेमस एंट्रेंस एग्जाम नीट है, जिसके थ्रू इंडिया के दो मेडिकल कॉलेज को छोड़कर बाकी सभी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलता है।

नीट के अलावे जिप्मर और एम्स दो और एंट्रेंस एग्जाम होते हैं।

जो छात्र नीट प्रवेश प्रक्रिया में अच्छा करते हैं, वह काउंसलिंग के लिए बुलाया जाते हैं, और काउंसलिंग प्रक्रिया के द्वारा इंडिया के प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजेस में एडमिशन मिलता है।

भारत में लगभग 100000 मेडिकल सीट है जिसके लिए हर साल 1500000 से ज्यादा स्टूडेंट्स नीट एग्जाम लिखते हैं।

एमबीबीएस कोर्स ड्यूरेशन

भारत में एमबीबीएस कोर्स का ड्यूरेशन साडे 5 साल का होता है जिसमें साडे 4 साल प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल पढ़ाई कराई जाती है और 1 साल का इंटर्नशिप कराया जाता है।

MBBS की फीस कितनी है?

Government medical college में औसतन 50 हजार से लेकर 5 लाख तक प्रतिवर्ष होती है जबकि Private medical college में mbbs ki fees औसतन 5 लाख से लेकर 15 लाख रूपए तक होती है।

कैसे 12 वीं के बाद एमबीबीएस करने के लिए?

डॉक्टर बनने के लिए आपको 10वीं के बाद आपको 11वीं में PCB ग्रुप चुनना होगा फिर 12वीं में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में न्यूनतम 50% मार्क्स लाने होंगे इसके बाद आपको NEET एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करना होगा, उसके बाद ही आपको मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलता है, ये टोटल 5.5 साल का कोर्स है, जिसमें 4.5 साल की पढाई है

एमबीबीएस के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?

सही डिग्री चुनें : डॉक्टर बनने के लिए मुख्य तौर पर बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर ऑफ़ सर्जरी की डिग्री को बेसिक कोर्स माना गया है। अपनी बारहवीं के बाद आपको MBBS डिग्री का चुनाव करना होगा जोकि एक पांच साल की अवधि वाली अंडरग्रेजुएट डिग्री है।

कम पैसे में डॉक्टर कैसे बने?

अगर आपको मेडिकल कोर्स कम पैसो में करना है, तो आपको पहले ऑल इंडिया प्री मेडिकल एंट्रेस एग्जाम (एआईपीएमटी) क्वालिफाई करना होगा। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज– (JLN), अजमेर की फीस – ₹4900 प्रतिवर्ष है। इनमें से किसी भी कॉलेज में दाखिला मिल जाने पर आप बहुत ही आसानी से कम खर्च में अपना मेडिकल कोर्स पूरा कर सकेंगे।

एमबीबीएस डॉक्टर की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

सरकारी और प्राइवेट mbbs doctors की सैलरी

आज के समय में एक सरकारी MBBS डॉक्टर को 60 हजार रुपये प्रतिमाह, specialist doctors को 1,00,000 और विशेषज्ञ (डिग्री) वाले सरकारी डॉक्टर को 1,25,000 रुपए दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में MBBS/MD डॉक्टरों का वेतनमान 15600-39100 जबकि ग्रेड पे 5400 है।

विदेश से एमबीबीएस करने के बाद भारत में कौन सी परीक्षा होगी?

विदेश से एमबीबीएस करके आए हुए बच्चों को (NEXT) National Exit Test का इग्ज़ाम पास करना होता है।

एमबीबीएस में कितने कोर्स होते हैं?

पूरे 19 विषय होते हैं जोकि आपको पूरे कोर्स के दौरान पढ़ना होता है।

नीट में कितने नंबर पर सरकारी कॉलेज मिलेगा?

एक अनारक्षित श्रेणी या सामान्य के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को राज्यों के आधार पर न्यूनतम 520 से 610 अंक प्राप्त करने होते हैं।

सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस की फीस कितनी है?

पंजाब, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की सालाना फीस क्रमश : 1.8 लाख रुपये, 1.4 लाख रुपये और 1.1 लाख रुपये है। केंद्र सरकार के संस्थानों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के सरकारी कॉलेजों में सालाना फीस 6500 रुपये से लेकर 9000 रुपये तक है।

सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे ले?

नीट की परीक्षा पास करके एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने तक की प्रक्रिया की बात करें तो, सबसे पहले तो विद्यार्थी नीट का फॉर्म भरेंगे, नीट की परीक्षा से संबंधित सारी जानकारी की अधिसूचना एंटीए द्वारा जारी कर दी जाती है। एलिजिबल विद्यार्थी फॉर्म भर सकते हैं। सही तरीके से फॉर्म भर लेने के बाद आप NEET की परीक्षा देंगे।

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे होता है?

सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले नीट 2021 के लिए अर्हता प्राप्त करनी होगी और फिर संबंधित राज्य परामर्श पंजीकरण फॉर्म भरना होगा। राज्य सरकार आमतौर पर तीन दौर की काउंसलिंग आयोजित करती है जिसमें खाली सीटों के लिए मॉप-अप राउंड शामिल होता है।

नीट में कितने चांस मिलते है 2022?

सीबीएसई ने 2017 में एक अधिसूचना के जरिए अधिकतम प्रयास सीमा संख्या के साथ ऊपरी आयु सीमा तय कर दी, जिसमें कहा गया था कि “नीट-यूजी परीक्षा में किसी उम्मीदवार द्वारा अधिकतम तीन बार भाग लिया जा सकता है।

NEET की पढ़ाई में कितना पैसा लगता है?

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एप्लीकेशन फीस बढ़ा दी है। इस बार सामान्य अभ्यर्थियों को 1500 जबकि एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी और ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों को 800 रुपए देने होंगे। जबकि जनरल ईडब्ल्यूएस तथा ओबीसी एनसीएल कैटेगरी के छात्र-छात्राओं को 1400 रुपए परीक्षा फीस देनी हाेगी। इसके अलावा सर्विस चार्ज या जीएसटी अलग से देना होगा।

क्या निजी कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस मैनेजमेंट कोटा सीटों के लिए डीम्ड विश्वविद्यालयों की तरह ही है?

मैनेजमेंट कोटा सीटों के लिए निजी कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों दोनों के लिए शुल्क आमतौर पर अपने उच्चतम स्तर पर होती है। हालांकि, दोनों में एमबीबीएस कोर्स की फीस एक समान हो यह जरूरी नहीं है।

क्या सभी निजी कॉलेजों में सरकारी सीट के साथ फीस में सब्सिडी दी जाती है?

देश के अधिकांश निजी कॉलेजों को अपनी सीटों का कुछ निश्चित प्रतिशत सरकारी कोटे के लिए आरक्षित रखना आवश्यक है। ऐसी सीटों के लिए एमबीबीएस कोर्स की फीस आमतौर पर सब्सिडी वाली होती है। हालांकि, कुछ निजी संस्थान ऐसे हैं, जिनमें सरकारी कोटे की सीटों का प्रावधान नहीं है।

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